वो आज भी....
वो आज भी....
वह आज भी बैठी है,
उसका इंतजार करते
सर्द हवाओं में कहीं!
वह आज भी अपने हाथों में,
उसके नाम की मेहंदी रचाया करती है..
एक उम्र गुजार दी उसने,
किसी के इश्क में खुद को खोकर,
वह आज भी अपनी हर धड़कन,
हर सांस में उसको बसाया करती है...!!