वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम का जयगान,
गूँज रहा पूरे हिंदुस्तान,
भारत भूमि की रक्षा हेतु,
कितने हो गए खुद कुर्बान।
धरा देश की शस्य श्यामला,
इसके लिए सब लिए मशाल,
आँच न आने पाये इस धरा पर,
बनते हैं सब इसका अभिमान।
इसकी रक्षा हेतु लक्ष्मीबाई ने,
समर अंग्रेजों से करने की बिगुल बजाई।
कुँवर सिंह सरीखे कद्दावर वीरों ने,
सहर्ष खुद की है बाजी लगाई।
भगत,राजगुरु सुखदेव ने हँसते हँसते,
फाँसी के फंदे को वरमाला बनाई।
आजाद चंद्रशेखर बटुकेश्वर दत्त ने,
खुद को है कर दिया कुर्बान।
वन्दे मातरम के उदघोष से
गुंजयमान हुआ सारा हिंदुस्तान।
जय हिंद माँ भारती तुझे है
बार बार मेरा प्रणाम।
