वक़्त वक़्त की बात है
वक़्त वक़्त की बात है
वक़्त वक़्त की बात है तू रोना ना ऐ यार मेरे
अंधेरी है रात अभी तू रोना ना ऐ यार मेरे
सन्नाटों में लिपटी हुई है तेरी दरखास्त सभी
सो रहा ख़ुदा अभी तू रोना ना ऐ यार मेरे
नीलम से ख़्वाबों में जाने कैसा आलम छाया है
बंदिशें हैं वक़्त की घटाओं का यह साया है
तन्हा राहों में ख़ुद को तू खोना ना ऐ यार मेरे
वक़्त वक़्त की बात है तू रोना ना ऐ यार मेरे
ना उम्मीदी बढ़ रही हर पल अभी जो पतझड़ है
फूल खिला ना कोई है सूखा वो जैसे पत्थर है
आएगा बसंत कभी तू सोना ना ऐ यार मेरे
वक़्त वक़्त की बात है तू रोना ना ऐ यार मेरे
चर्चे सुन के बैठा क्यूँ तू खफ़ा खफ़ा सा है जाने
तक़दीरों की साज़िश है तू माने या तू ना माने
हर दिन आएगा नया इक खिलौना यार मेरे
वक़्त वक़्त की बात है तू रोना ना ऐ यार मेरे