STORYMIRROR

Hemant Soni

Others

2  

Hemant Soni

Others

दो पल की उम्मीदें

दो पल की उम्मीदें

1 min
310

दिल की इस ज़मीन पर खिलता कुछ नहीं

करले सौदा तू यहाँ मिलता कुछ नहीं 

दो पल की उम्मीदों पे ठहरता है ज़माना 

फिर है वही समां किस्सा यह है वही पुराना 

हिलती नहीं क़िस्मत की लकीर

सुनती नही ज़िंदगी कुछ तेरी 

क्यूँ हर दुआ अब है बेअसर 

क्यूँ वक़्त भी अब है बेसब्र 


कैसी यह कमी है मिटती जो नहीं

दिल को मंज़ूर है अब जो मिले वो सही 

दो पल की उम्मीदों पे ठहरता है ज़माना 

फिर है वही समां किस्सा यह है वही पुराना 

मिलती नही सबको मंज़िल

ख़्वाबों के हैं यहाँ सभी क़ातिल

क्यूँ हर दुआ अब है बेअसर 

क्यूँ वक़्त भी अब है बेसब्र


Rate this content
Log in