नीलम से ख़्वाबों में जाने कैसा आलम छाया है बंदिशें हैं वक़्त की घटाओं का यह साया है तन्हा राहो... नीलम से ख़्वाबों में जाने कैसा आलम छाया है बंदिशें हैं वक़्त की घटाओं का यह स...
गरीबी महँगाई धर्म ने अकड़ जब दिखाई थी इस ख़ाखी वर्दी ने तब राह हमें दिखाई थी गरीबी महँगाई धर्म ने अकड़ जब दिखाई थी इस ख़ाखी वर्दी ने तब राह हमें दिखाई थी
हम दोनों टकराये हम दोनों टकराये
मुझ से क्या दुश्मनी थी मुझे तुझ से अलग करने की साज़िश वो कर रही थी मुझ से क्या दुश्मनी थी मुझे तुझ से अलग करने की साज़िश वो कर रही थी
मेरे स्वाभिमान को मत ललकार ऐ मानव, मैंने इतिहास बदला है इतिहास रचाकर।। मेरे स्वाभिमान को मत ललकार ऐ मानव, मैंने इतिहास बदला है इतिहास रचाकर।।
उन खताओं को ज़रा, मिल कर सुनाओ ! उन खताओं को ज़रा, मिल कर सुनाओ !