STORYMIRROR

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

3  

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy

वक्त नही है

वक्त नही है

2 mins
213

खुद खड़े कतार अपने वक्त का

करते इंतज़ार फिर भी वक्त नही है।।


भीड़ का मेला चहुँ और सिर्फ

मुङो का झमेला एक दूजे को 

धरती का धुल चटाता

अपनी बाऱी की खातिर मारा मारी

करता इंसान क्योकि वक्त नही है।।


धक्का मुक्की मारा मारी आगे

बढ़ने की कोशिश करता

अपनी वारी की खातिर सारे जतन

करता मानव मानवता की

मान भाई वक्तनही है।।


माँ की कोख

ने पाला नौ माह जब मौका

आया देखु युग संसार कहने

लगे रिश्ते नातेदार काहे का

इंतज़ार वक्त नही है।।


माँ गयी डाक्टर के पास

प्रसव पीड़ा से बेहाल डॉक्टर

बोली खतरे में जच्चा बच्चा

अब मत करो इंतज़ार खुशियो

का सत्कार क्योकि वक्त नही है।।


सीजर बच्चा

देखे युग संसार विलम्ब काहे

वक्त नहीं है।।


दुनियां में आया खुशियों की

दौलत लाया बीते दिन दो चार

माँ ही रह गयी पास बाकी सब

कह गए मिलेंगे हर वर्ष गाँठ

काम बहुत है वक्त नही

है।।


धीरे धीरे बढ़ता जाता 

माँ मुझे गोद लिये खड़ी

कतार कभी अस्पताल में

कभी मंदिर में करती अपनी

वारी का इंतज़ार भागम भाग

क्योकि वक्त नही है।।


जब मैंने होश संभाला

दुनियां समाज रिश्तें नातो

खास खासियत

जाना नही कोइ जिम्मेदारी

काम फिर भी वक्त नही है।।


हर जगह है मारा मारी 

हर कोई करता अपनी वारी

का इंतज़ार फिर भी वक्त नहीं है।।

स्कूल में दाखिले का सवाल या

बस ट्रेन हो या हॉट बाज़ार

सब खड़े कतार फिर भी वक्त नही है।।


जाने कितने है बीमार शायद

पूरी दुनियां ही बीमार अस्पताल 

में भाग्य भगवान् भरोसे खड़े सब्

अपनी बारी का करते इंतज़ार 

फिर भी वक्त नही है।।


दफ्तर सरकारी है तो क्या बात

पूछों मत हाल कुर्सी पर बैठा

बाबू या अधिकारी पीता चाय पर चाय

कोई काम नही फिर भी वक्त नही है।।

आफिस में दाखिल होते ही

बाबू हो या अधिकारी आपस

में चर्चा करते राजनीती टी वीऔर

अखबार।।   


पीते फिर चाय आ

जाए गर कोई फरियादी लेकर

कोई कार्य झट बोलते कितना है

काम वक्त नही है।।


राशन की कतार गैस सिलेंडर

की कतार बैंको में पैसा देने लेने

की कतार कतार दर कतार 

इंतज़ार दर इंतज़ार फिर भी

वक्त नही है।।


जीवन बिता 

खड़े कतार मरने के बाद

खड़ा पड़ा मुर्दा कतार है।।    


अपने

श्मशान कब्र की कब

आएगी बारी पता नही करता

इंतज़ार फिर भी वक्त नही है।।


जीवन में देखा शिक्षक को वक्त

नहीं डॉक्टर को वक्त नही ।।

माँ बाप ने कितनी कठिनाई

दुःख पीड़ा से बच्चों को पाला

बच्चे गर लायक तो वक्त नही

नालायक तो वक्त नही है।।


जीवन में वक्त नही मरने के

बाद करते है कब्रिस्तान श्मशान

का इंतज़ार फिर भी वक्त नही है।।


दुनियां की दौलत से कीमती

वक्त जीवन के प्रिय प्रियतमा

से लेते फेरे ।।           


पंडित से कहते 

दक्षिणा दर ज्यदा कर लो 

संक्षिप्त करो वैवाहिक संस्कार

वक्त नही है।।


वक्त नही के चक्कर में बढ़

गया भ्रष्टाचार कतार का 

चक्कर नियम क़ानून का

मैटर कर नही सकते इन्तज़ार

कुछ दे ले कर शीघ्र निपटाते

काम क्योकि वक्त कीमती

वक्त नही है।।


अब और कठिन दौर है 

माँ बाप भी जन्म देने के

बाद बच्चे को देते सौंप

किड्स हाउस वक्त नही

है की नई संस्कृति इज़ाद।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy