Sandeep Sharma
Action
वक्त ने वक्त से कहा
मेरे साथ रहेगा तो
नहीं छीनेंगी रोटियां।
वयं रक्षाम् व...
दीप
सपने
बुजुर्ग
परिश्रम
तानाशाही
ताकत
सरस्वती मंदिर
पर्यटन
प्रेम
तेरे हर मंज़िल को तुझसे दूर कर दूंगा क्योंकि सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हूं तेरे हर मंज़िल को तुझसे दूर कर दूंगा क्योंकि सुन मैं शोर हूं, हाँ मैं शोर हू...
मिट्टी का साथ सौगंध है मेरी मेरे इस बलिदान का साक्षी रहे वर्तमान मिट्टी का साथ सौगंध है मेरी मेरे इस बलिदान का साक्षी रहे वर्तमान
करना कुछ अब धरा को अर्पण, वरना मिट जायेंगे हम सब भी, करना कुछ अब धरा को अर्पण, वरना मिट जायेंगे हम सब भी,
दुखों का तार टूटेगा, सुख का तार जुड़ेगा। दुखों का तार टूटेगा, सुख का तार जुड़ेगा।
रहना यही सब धरा का धरा, खाली हाथ ही आये थे, बस खाली ही जाना है, रहना यही सब धरा का धरा, खाली हाथ ही आये थे, बस खाली ही जाना है,
तू नारी है, तू शक्ति है। उम्मीद किसी से न करो, क्योंकि तुम वीरांगना हो! तू नारी है, तू शक्ति है। उम्मीद किसी से न करो, क्योंकि तुम वीरांगना हो!
रिश्वतखोरों की अब होने लगी है भीड़ यहाँ किसकी खुल जाये जाने कब तकदीर यहाँ। रिश्वतखोरों की अब होने लगी है भीड़ यहाँ किसकी खुल जाये जाने कब तकदीर यहाँ।
सत्ता के लालच में वेद भूमि भारत टुकड़ों में आज बंट गई सत्ता के लालच में वेद भूमि भारत टुकड़ों में आज बंट गई
बहू हूं तो क्या हुआ, दबकर कभी रहूंगी नहीं। किसी के ताने अत्याचार, बेवजह सहूंगी नहीं। बहू हूं तो क्या हुआ, दबकर कभी रहूंगी नहीं। किसी के ताने अत्याचार, बेवजह सहूंग...
देख जमाने वालों देखो, जिम्मेदारियों से दूर नहीं, आत्मविश्वास दिल भरा, ऐसे देशवासी मि देख जमाने वालों देखो, जिम्मेदारियों से दूर नहीं, आत्मविश्वास दिल भरा, ऐ...
दोनों को रंग दे प्यार के रंग में वे होली खेले बड़े स्नेह से ! दोनों को रंग दे प्यार के रंग में वे होली खेले बड़े स्नेह से !
एक हाथ में अस्त्र, दूजे में प्रेम रंग है, एक हाथ में अस्त्र, दूजे में प्रेम रंग है,
है आज भी इतज़ार हमें तू आएगा मिलनें इसी फरियाद से मैं कई रतियां हूँ जगी। है आज भी इतज़ार हमें तू आएगा मिलनें इसी फरियाद से मैं कई रतियां हूँ जगी।
अगर रो रहे हो मेरी वजह से तो चुप हो जाओ, कभी 'सरगम' किसी को रुलाया नहीं करती। अगर रो रहे हो मेरी वजह से तो चुप हो जाओ, कभी 'सरगम' किसी को रुलाया नहीं करती।
कवर है कवर है
हृदय लिखना चाहता है रिश्तों की मिठास सहयोग, सम्मान, निःस्वार्थ प्रेम, आदर सत्कार। हृदय लिखना चाहता है रिश्तों की मिठास सहयोग, सम्मान, निःस्वार्थ प्रेम, आ...
आओ नज़र डालें हालत पर उस महान की अपने देश के गौरव धरती पुत्र किसान की, आओ नज़र डालें हालत पर उस महान की अपने देश के गौरव धरती पुत्र किसान की,
दूर किया फिरंगियों को हँसते हँसते बलिदान दिये दूर किया फिरंगियों को हँसते हँसते बलिदान दिये
सूख गई आंखें तक, कुछ भी नहीं सुहाता, सूख गई आंखें तक, कुछ भी नहीं सुहाता,
आज एक नारी की इज्ज़त, लुटती रही भीड़ भर में आज एक नारी की इज्ज़त, लुटती रही भीड़ भर में