STORYMIRROR

Sandeep Sharma

Abstract

4  

Sandeep Sharma

Abstract

वयं रक्षाम् वंदे मातरम्

वयं रक्षाम् वंदे मातरम्

1 min
204

वयं रक्षाम् वंदे मातरम  

मां के आंचल में गुजारा,

बचपन, यौवन और पचपन।


बुला रही है मां धरती तुम्हारी,

सारे वचन निभाने की है बारी तुम्हारी,

वंदेमातरम्, वंदेमातरम्, वंदेमातरम्।


आज हमारा नारा है वयं रक्षाम्, वयं रक्षाम्, वयं रक्षाम्,

आओ मिलकर बोलें वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्।

हम करेंगे रक्षा तुम्हारी, असुरों पर संहार भारी,

मिलकर बोलो वंदे मातरम् वंदे मातरम् वंदे मातरम्।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract