वक्त के थपेड़े
वक्त के थपेड़े
दुनिया को खुश नहीं कर सकते,
चाहे खुद के टुकड़े कर दो,
बेदर्द है ये ज़माना, तुम पर हंसेगा
चाहे तुम, दिल फाड़ कर रख दो,
कर लो तुम अपनी मन की,
ना सोचो इस दुनिया की,
ये तो रंग बदलने में माहिर हैं,
इन्हे बदलते वक्त नही लगता,,
ना वफा की परवाह कर,
ना बेवफा पर क्रोध कर,
ये सब वक्त के थपेड़े हैं,
बस इन्हे बर्दाश्त कर ले।