विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस
हिंदी हिंदुस्तान की बुद्धि और व्यवहार
हिंदी हिंदुस्तान की भक्ति और सदभाव
हिंदी के उदार उर में समाहित है सब भाषा भाव
हिंदी हिंदुस्तान की मुक्ति और निर्वाण
सबको अपने साथ लिए हिंदी चलती जाती है
प्रगति के पथ पर हिंदी विकसित होती जाती है
किसी से कोई बैर भाव नहीं, सबकी प्यारी हिंदी है
माथें की बिंदी बिछुआ सा सजती निखरती जाती है
हिंदी हिंदुस्तान की है बोली और पहिचान
जिसमें जी और बढ़ रहा है सारा हिंदुस्तान
हिंदी पर है नाज़ हमारा औऱ सारा अभिमान
हिंदी की अभिवादन से बढ़ रहा स्वाभिमान
हिंदी हिंदुस्तान की भाषा नही रियासत है
हिंदी हिंदुस्तान की विकास और सियासत है
हिंदुस्तान का जर्रा जर्रा महक रहा हैं हिंदी से
हिंदी हिंदुस्तान की संस्कृति और विरासत है
हमने देखा हिंदी को अब देश के कोनें कोनें में
गर्व सभी अब कर रहा हैं खुद को हिंदी होने में
हिंदी में ही हिंदुस्तान की हरियाली मुस्कान है
हिंदुस्तान की बोली करता सपनें पूरी होने में ।