विकलांग
विकलांग
हमारी भी है एक अभिलाषा
कभी समझो हमारी भी भाषा
हम भी हर काम में हैं सक्षम
ना समझो हमें भी किसी से कम
कभी पहचानो हमारी भी क्षमता
ना दिखाओ कभी लाचार सी मानसिकता
माना तन से हैं विकलांग
पर आत्मा से हैं नहीं विकलांग
नसीब की ठोकर के हैं मारे
फिर भी जिंदगी से नहीं हैं हारे
मत दो हमें कोई सहारा
पर कहो ना कभी हमें बेसहारा
अपनी मेहनत को बुलंदी पर रखकर
असंभव कार्य भी हैं कर जाते
अपनी दृढ़ता का प्रमाण देकर
जाने कितने मेडल हम भी लाते
हमारी सोच में भले हो फासले
पर हमारे भी हैं बुलंद हौसले
हम नहीं होते सबों में शामिल
पर रखते अ
पने दम पर खड़े होने के काबिल
मजाक ना कभी हमारा उड़ाए
कभी ना कभी तो सभी लड़खड़ाए
जनमानस से है विनती हमारी
हमें भी दें दुनिया में भागीदारी
हम भी ईश्वर की ही रचना
हमारा भी है कुछ सपना
मजबूत हमारे मन के इरादे
बिल्कुल मन के सीधे सादे
हम भी गिरकर उठ जायेंगे
लड़खड़ाकर संभल जायेंगे
थामकर हौसलों का दामन
एक दिन शिखर पर चढ़ जायेंगे
दया कर ना बनाओ
हमें कृपा के पात्र
थोड़ा मान सम्मान से
हमें भी बनाओ सुपात्र
हम भी एक दिन
अपने सपने पूरे करेंगे
बुलंद हौसलों के साथ
देश का नाम रौशन करेंगे।