वीर परवाने
वीर परवाने
आजादी के परवाने हैं,
हम इस पर मिट जाएँगे।
लेकर अपने हाथ तिरंगा,
रघुपति राघव गाएँगे।
आँच न आये कभी शान पर,
तन से मन से प्यारी है।
प्राण दायिनी गंगाजल सम,
अखिल विश्व से न्यारी है।
आँख उठेगी अगर किसी की,
उसको धूल चटाएँगे।
आजादी..........
वंदेमातरम राष्ट्र गीत जो,
वह हमें प्राण से प्यारा।
मलयानिल जो शीतल बहती,
है सीमाहीन किनारा।
बिस्मिल गाँधी भगत सिंह के,
हर, दम मान बढ़ाएँगे।
आजादी...........
अमृत चत्सव मना रहे अब,
हैं उत्तम् भाग्य हमारे।
छल छद्मों से दूर रहेंगे,
सब करके लोभ किनारे।
किसी देश की संप्रभुता को,
हरगिज़ नहीं घटाएँगे।
आजादी............
