STORYMIRROR

PRAVIN MAKWANA

Inspirational

4  

PRAVIN MAKWANA

Inspirational

वीर

वीर

1 min
284


मुझ से, तुझ से,इस से,उस से,

हम सब से ऊपर तिरंगा

किसी भी जाति,धर्म

मजहब से ऊपर तिरंगा


लाखों ने न्योछावर कर दिए

प्राण अपने

आजादी को दिए लूटा सभी

अरमान अपने

उन अमर शहीदों की शान लहराए

जब से ऊपर तिरंगा


आजाद,भगत,चंद्रशेखर का

साहस था महान

लक्ष्मीबाई,बेगम हजरत,भीकाजी ने

रखी क्रांति की शान

क्रांति की लिए मशाल लहराए

कब से ऊपर तिरंगा


क्या हिंदू,क्या मुसलमान

सब कूद पड़े थे

भूल अपने को,अपनों को

क्या खूब लड़े थे

भारत का अभिमान लहराए,हर

मतलब से ऊपर तिरंगा


लहराए आसमान से ऊंचा

प्यारा तिरंगा

मेरी आन बान और शान

न्यारा तिरंगा

हर घर पे,दीवार पे लहराए

अदब से ऊपर तिरंगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational