विडंबना
विडंबना
प्रसव पीड़ा से भी दुखनीय,
तेरा किसी और से मिलना
कलेजा फ़ुट उठता है मेरा,
तुझे बेगानी बाहों में देखना
नयनों में भर जाएं अक्षु ,
वादा तेरा ग़ैर संग निभाना
असहनीय दर्द उभरे मन में,
तुझे पराये संग ख़ुश देखना
पा सकूँ न छोड़ तुझे,
आख़िर कैसी मेरी विडंबना।
