वह आदमी बहुत ईमानदार था
वह आदमी बहुत ईमानदार था


वह आदमी
बहुत ईमानदार था
सारी उम्र सत्य की राह पर
चला
बिना इधर उधर देखे
बिना किसी से प्रभावित हुए
बिना विचलित हुए
अपनी नाक की सीध में चला
जीवन भर उसने कुछ नहीं पाया
अंतिम समय में
अपने परिवार का प्यार भी नहीं
उसने मौत को
हंसते हंसते गले लगाया लेकिन
कभी गलत लोगों के आगे
सिर नहीं झुकाया
कभी बेबुनियाद समझौते नहीं
किये
कभी किसी बात का लालच
नहीं किया
सादा जीवन, उच्च विचार को ही
अपना लक्ष्य रखा
अपनी लड़ाई अपने ही दम पर
वह एक बहादुर सिपाही की तरह
आखिरी सांस तक लड़ता रहा
इतने कटु अनुभव होने पर भी
हमेशा सबसे मृदु व्यवहार
ईमानदार होना
आजकल के परिप्रेक्ष्य में
एक बहुत बड़ा गुनाह है
दुनिया इसकी एक बहुत बड़ी
सजा आपको
आपके जीते जी देती है
जब होता नहीं आपकी जेब में
पैसा
बाहों में ताकत
समाज में रुतबा तो
एक राह में आये किसी
बेजान रोड़े की तरह ही
ठोकर मार कर
रास्ते से हटा देती है
लेकिन जो व्यक्ति ईमानदार
होता है
वह जन्मजात होता है
यह गुण उसके खून में होते हैं
वह खुद को
समय के साथ
समाज की मांग या
बदलाव के अनुसार
बदल नहीं सकता
वह मरते मर जाता है
पर उसे अपनी ईमानदारी पर
फख्र होता है
वह उसे नहीं छोड़ पाता
भले ही
एक एक करके
सब उसका साथ छोड़ दें
समाज का एक बड़ा
हिस्सा
यहां तक की परिवार भी
एक ईमानदार व्यक्ति को
किसी न किसी मोड़ पर
अकेला छोड़ ही
देते हैं
खुद से जूझने के लिए
अब अपने इस गुण को
कायम रखते हुए
यह लड़ाई वह अकेले
कितनी और लड़ सकता है
यह तो उसका ईमानदारी के
प्रति जुनून ही जाने।