STORYMIRROR

Mahima Jain

Abstract Inspirational Others

3  

Mahima Jain

Abstract Inspirational Others

वायरस

वायरस

1 min
185


धरती पर सब से प्यारे नव रस

खा गया उन सबको ये वायरस

नाम करोना ना कोई करुणा

ना तरस

ना चला दुनिया का इस पर

कोई बस

बन फाँसी पल पल शिकंजा

रहा है कस

है हम मासूम पर रखा इसने

गुनाहगारों के समकक्ष

बना लिया घर को जेल हो कर

बेबस

फिर होगा सबेरा लोट आएंगे

नौ रस

जीत जायेंगे हम होगा बेदम ये

वायरस


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract