बन फाँसी पल पल शिकंजा रहा है कस बन फाँसी पल पल शिकंजा रहा है कस
गवालबालों को निकाल लिया था चट्टान तोड़ गुफा के द्वार की। गवालबालों को निकाल लिया था चट्टान तोड़ गुफा के द्वार की।
अब यह मौन तोड़ना होगा, अब कुछ बोलना होगा, अब यह मौन तोड़ना होगा, अब कुछ बोलना होगा,