STORYMIRROR

Mahima Jain

Abstract Inspirational Others

3  

Mahima Jain

Abstract Inspirational Others

गमले का पौधा

गमले का पौधा

1 min
155

मैं गमले का पौधा हूँ

मैं कुछ कह नहीं सकता

जिंदगी तो नहीं है यहाँ पर,

पर मैं मर भी नहीं सकता।

मैं गमले.............


देख बहार को नाच उढता था कभी,

पर अब समेट कर खुद को

सो भी नहीं सकता।


मैं गमले का................

है गम यही जमी नहीं है कदमो पर ,

पर खुशियां देता हूँ

इसलिये रो भी नहीं सकता।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract