वास्तविकता
वास्तविकता
स्वच्छ हो सुंदर देश स्वर्ग सा,
चाहे कौन ?
-चाहे सभी ।
गंद फेंकते इधर-उधर
रुक जाओ फिर ।
-जी मुमकिन नहीं ।
चिंता सरकारी स्कूलों की है
किस-किस को?
-है सभी को ।
तो भेजो अपने बच्चे
सरकारी स्कूलों में फिर।
-अरे नहीं, नहीं ।
हर महीने की तनख्वाह
खाते में चाहे कौन?
-चाहे सभी।
सरकारी नौकरी पूरी मेहनत से
करते कितने?
-जी गिने-चुने ।
हिंदी को मिले सम्मान
राष्ट्रभाषा होने का,
-सब चाहते हैं।
खुद के बच्चे ना बोले इंग्लिश
चाहे कौन?
-कोई नहीं।
नियम हो ऐसे सख्त
की अपराध हो न कोई ।
-हम चाहे सभी।
सब नियमों का पालन
करना चाहे कौन ?
-कोई नहीं।
भ्रष्टाचार मुक्त हो भारत
चाहे कौन?
-हां जी सभी।
मत लो/दो रिश्वत
अपना काम निकालने को ।
-जी सहज नहीं।
बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति
चाहता है कौन ?
-अरे सभी।
छोड़ के निज साधन
अपना लो सार्वजनिक तुम ।
-मुमकिन नहीं ।
देश हमारा हो विकसित
यह चाहे कौन ?
-सभी, सभी।
छोड़ विदेशी चीजों को
फिर लो स्वदेशी ।
-जी मुश्किल है ।
देश में हो बदलाव
अभी यह चाहे कौन?
-अरे सभी ।
खुद को बदलो
पहले तो फिर।
-मौन सभी।
