वाणी
वाणी
कोयल सम
वाणी में हो मिठास
मन को भाये।
सत्य वचन
तीखी लगती सदा
है लाभकारी।
मिठास घुले
जीवन डगर में
मिश्री समान।
बोली ही बने
आपकी पहचान
ध्यान रहे।
काँटों समान
तकलीफ नहीं दे
हमारी बोली।
मान मिलता
मृदु व्यवहार से
रखिये सदा।
न करें दुखी
अपनी बोली से ही
ये ध्यान रखें।
कटुता घटे,
मित्र सदा ही बनें
बोली हो ऐसी।
विचार करें
बोलने से पहले
यही है सही।