ऊपर... नीचे
ऊपर... नीचे
ऊपर-नीचे
पल -पल
नीचे से ऊपर आया हूँ
वक़्त ने
समझाया बहुत कुछ
और नई सोच को
पहले से
बेहतर
और ऊपर लाया हूँ
पल-पल
नीचे से ऊपर अाया हूँ
बहुत डरता था
खुद से पल-पल लड़ता था
कोई लडे़गा नही
आपकी लड़ाई
अपने डर से
खुद करनी होगी लड़ाई।
फिर लड़ा
आज खुद को
डर से ऊपर लाया हूँ
मैं हार कर भी
हारा नही
शायद इसी
डर से
ऊपर आया हूँ
पल-पल
सोच की नवीनता को
सृजनात्मकता
में लगा कर
हे ईश्वर
कितनी सुंदर
तुम्हारी रचना
हर तरफ
तुमको ही पाता हूँ
मैं सिर्फ
पहचानता था
लेकिन आज जानता हूँ
हर स्तर पर
तुम्हें खड़ा हुआ पाता हूँ
मैं सही में
पल -पल
नीचे से ऊपर आया हूँ
मैं पल-पल
नीचे से ऊपर आया हूँ।
