उसका आना
उसका आना
कभी बारिश की बूँदों को,
सूखी ज़मीन पर गिरते हुए देखा है,
महक सी जाती है ना,
उसका मेरी जिंदगी में आना,
भी उन बूँदों के जैसा ही था।
पहली बार उसको देखा,
तो मानो उसकी आँखों की चमक में खो सी गई,
उसकी बातों मे मैने,
नई खुद को पा लिया।
वो गिटार बजाता था,
इसलिए पूरा काँलेज उसे चाहता था,
उसकी बेपरवाही मुझे खलने लगी थी,
मै उसके साथ रहने वाली हर लड़की से जलने लगी थी,
समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था,
बस इतना था कि मेरा दिल खो रहा था।
जब वो मुझे अपना फैन मानने लगा,
तो हमारी मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा,
धीरे धीरे हम दोस्त बन गए,
और मेरे प्यार के मायने नए रूप में निखर गए।
वो मेरे साथ अपने सुख-दुख बांटता,
मुझे मेरी गलतियों पर डांँटता,
सोचा वक्त यहीं थम जांँए,
हमारी जिंदगी मे कोई गम ना आँए,
कई बार सोचा उसे अपने प्यार के बारे में बता दूंँ,
पर डर लगता था कहीं अपना दोस्त ना खो दूँ।
फिर एक दिन उसने मुझे अपनी मोहब्बत से मिलाया,
और मेरा सारा गम आँसूओं मे बह आया,
मैने ख्वाब से हकीकत का रास्ता तय किया,
और आगे बढ़ने का सोच लिया,
हर कहानी का अंत अच्छा हो ये ज़रूरी तो नहीं,
ज़रूरी है तो बस उस अंत के बाद एक अच्छी शुरूवात।।

