उसे उदास ही कर लूँ
उसे उदास ही कर लूँ
नींद खुल जाए तो ख्वाब समझ के कर लूँ
वरना तेरे जैसा भी कोई हसीन है कैसे यकीन कर लूँ,
तेरी मासूमियत से दिल मेरा बेचैन रहता है
इसको यह जुनून है कि तुझे हासिल कर लूँ,
नज़र मेरी जब तेरी नज़र से मिलेगी
उस समय भी मैं होश में रहूँ कुछ ऐसा कर लूँ,
क्यूंकि तेरे मेयार के बराबर नहीं हूँ मैं
सो इस कोशिश में रहता हूँ कि खुद को तेरे क़ाबिल कर लूँ,
उदासी में जिस क़दर वो खूबसूरत लगती है
कभी कभी तो सोचता हूं कि उसे उदास ही कर लूँ