Budding Dentist and a Poet!
पर मैं तो तेरे हाथों का खिलौना बना हुआ हूँ। पर मैं तो तेरे हाथों का खिलौना बना हुआ हूँ।
सो इस कोशिश में रहता हूँ कि खुद को तेरे क़ाबिल कर लूँ, सो इस कोशिश में रहता हूँ कि खुद को तेरे क़ाबिल कर लूँ,
अब ज़िद छोड़ भी दे के इतना सताना ठीक नहीं, तेरी हर 'ना' में मेरी जान निकल जाती है। अब ज़िद छोड़ भी दे के इतना सताना ठीक नहीं, तेरी हर 'ना' में मेरी जान निकल जात...
फिर भी क्यूँ राख नहीं होता यह बदन वो तुम नहीं समझोगी, फिर भी क्यूँ राख नहीं होता यह बदन वो तुम नहीं समझोगी,
जो बेचैनी सी है मेरे दिल में वो तुम नही समझोगी। जो बेचैनी सी है मेरे दिल में वो तुम नही समझोगी।