उमंगों भरी दीवाली
उमंगों भरी दीवाली
आओ जी आओ खुशियों के
हम सब दीप जलाएं,
दिल की रंगीन उमंगों से
हम रंगोली बनाएं।
कोई जरूरी नहीं है कि
दीपावली को ही त्योहार मनाए,
जब मन में हो उमंगें
तब ही समझो है दिवाली।
लगता है जैसे धरती पर आ गए हैं
सब झिलमिल तारे, जुगनू की तरह
टिमटिमाते तारे आ रहे हैं नभ के तारे।
अब फिर वही सवेरा होगा,
अब फिर वही बसेरा होगा।
आओ हम सब मिलकर,
लोहड़ी की तरह हम गिद्दा पाए।