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संजय असवाल "नूतन"

Inspirational

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संजय असवाल "नूतन"

Inspirational

उम्मीदों का सूरज

उम्मीदों का सूरज

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वो दिन भी जरूर आयेंगे

जब हर चेहरे

मुस्कराएंगे,

खुशीयों में झूमेंगे

नाचेंगे गायेंगे।

उस सुबह की पहली किरण 

कुछ अलग 

कुछ खास होगी,

हवा की सरगोशी में

एक अलग ही बात होगी।।

दिन सुरमई होगा 

रातें भी चांदनी होगी,

हर ओर खुशियां बिखरेंगी 

उम्मीदों की बयार होगी।

पक्षी फिर से चहचहाएंगे

आंगन में मंडराएंगे,

अपनी चिचिहाहट से

हर दिल को हर्षायेंगे।।

फूल भी मदमस्त महकेंगे

खुश्बू से सराबोर कर देंगे,

भौंरे उन्हें देख गुनगुनाएंगे

पराग की रश्मियां चुराएंगे।

खुश्बू मिट्टी की फिर

हर ओर महकने लगेगी,

अमियां के डाली पे

फिर बौरँ चटकने लगेगी।।

हर ओर फिर से

वही हंसी ठिठोली होगी

हर ओर फिर

वही चहल पहल होगी।

शमा फिर से रंगीन होगा

शाम का सूरज कितना हंसीं होगा,

आशायें और उम्मीदें

सर चढ़ कर बोलेंगे

देख ये नजारे तारें भी

खिल खिला के हंस देंगे।।

ना खौफ का आलम होगा

ना डर होगा किसी का,

बजेंगे ढोल नगाड़े और ताशे

फिर से शमा बंधेगा।

दुःख तकलीफ़ो के बादल

अब धीरे धीरे छट जायेंगे,

फुहारें होंगी खुशियों की

ये मौसम भी बदल जायेंगे।।

उम्मीदों का सूरज 

फिर से आसमां में चमकेगा,

अंधियारे को चीर कर

एक नया सवेरा दमकेगा......।।।।



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