उम्मीद....
उम्मीद....
उम्मीद की किरण बनकर जो तू मेरे सामने आया,
मेरी बेजान सी जिंदगी में फिर नई जान डाल दी,
कैसे भूल जाऊं मैं तेरा एहसान ऐ दोस्त मेरे,
दोस्त बन कर दिल जिगर मेरा ले लिया तूने,
मुझको फिर से हँसना सिखाया इस दुनिया से मिलवाया,
मेरे आँसुओं को हँसी में बदले हर पल मेरे नखरे उठाये,
मेरे हाथों में कलम थमाई फिर से लिखने पर मजबूर किया,
जाने कितनी उम्मीदों का पिटारा खोल दिया तूने मेरे जीवन में,
कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब तू मुझे नए ख्वाब नई उम्मीद नहीं देता,
मेरे जीवन को एक नहीं दिशा देते हो मुझसे हज़ार सवाल जवाब करते हो,
तेरे जैसे साथी की बात कैसे ना सुनूँ मैं तेरी हर उम्मीद को पूरा करना है,
उगते सूरज की भांति हमको चमकते हुए देखना है तुझे ।