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Kawaljeet GILL

Abstract

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Kawaljeet GILL

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फिर क्यों हम

फिर क्यों हम

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दिल और दिमाग में एक जंग सी चल रही है

दिल कहता है की तुम को हर पल याद रखे

दिमाग कहता है की हम तुम्हे भूल जाए हमेशा के लिए

सोचते है की दिमाग से हर रिश्ता तोड़ दे हम

और हर वक्त दिल की सुने बस दिल की सुने।


एक बार भी जो तुम हमको याद कर लेते हो

तो हम अपने सारे गम भूल जाते है

तेरी बातें तेरी यादे दिल को सुकून दे जाती है

दर्द कभी मिले थे यह याद नहीं रहता

बस उस पल की खुशिया याद रह जाती है।


फिर क्यों हम परेशान से हो जाते हैं 

जब भी हम तुमको परेशान से देखते हैं

तेरी परेशानियों का सबब हम खुद को समझने लगते हैं

हमसे मिलने से पहले तुम हमेशा खुश रहा करते थे।


अब हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि

काश हम ना मिले होते तो अच्छा होता।

तेरी परेशानियां मिल जाये हमको

और मेरी हर खुशी मिल जाये तुझको।


बस ये ही दुआ हम हर पल रब से मांग लेते हैं

तुझसे दूर रहकर ही तुझको खुश देखना चाहते हैं

फिर क्यों हम परेशान से हो जाते हैं

जब भी तुझे परेशान देखते हैं।


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