STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

त्योहार प्रकृति के पोषक

त्योहार प्रकृति के पोषक

1 min
559

जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,

त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।


त्योहार अपने जीवन को गति नूतन देते,

नई शक्ति और नई ऊर्जा हैं हम सबको देते।

हरें सबकी पीड़ा और सबको खुशियां दे जाएं,

जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,

त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।


त्योहारों का है आधार वैज्ञानिक होता,

भूल श्रेष्ठ परंपराएं आज हर जन है रोता।

करके प्रकृति पूजा हम खुद को बचाएं,

जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,

त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।


श्रेष्ठ परंपराओं में छिपा है ज्ञान का खजाना,

सुखी आज वे ही जिन्होंने प्रकति को माना।

न हम छेड़ प्रकृति को खुद को अब मिटाएं,

जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,

त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract