त्योहार प्रकृति के पोषक
त्योहार प्रकृति के पोषक
जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,
त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।
त्योहार अपने जीवन को गति नूतन देते,
नई शक्ति और नई ऊर्जा हैं हम सबको देते।
हरें सबकी पीड़ा और सबको खुशियां दे जाएं,
जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,
त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।
त्योहारों का है आधार वैज्ञानिक होता,
भूल श्रेष्ठ परंपराएं आज हर जन है रोता।
करके प्रकृति पूजा हम खुद को बचाएं,
जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,
त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।
श्रेष्ठ परंपराओं में छिपा है ज्ञान का खजाना,
सुखी आज वे ही जिन्होंने प्रकति को माना।
न हम छेड़ प्रकृति को खुद को अब मिटाएं,
जीवन में नीरसता को कोसों भगाएं,
त्योहार मिलजुल करके हम मनाएं।