तू नहीं मेरा मगर...
तू नहीं मेरा मगर...
तू नहीं मेरा मगर तुझसे मोहब्बत है तो है।
यह अगर रस्मो रिवाजों से बगावत है तो है।
सच को मैंने सच कहा अब कह दिया तो कह दिया
अब ज़माने की नज़र में यह हिमाकत है तो है ।
कब कहा मैंने कि तू मिल जाए मुझे और मैं तुझे
गैर न हो जाएँ बस इतनी सी हसरत हैैै तो है।
जल गया परवाना अगर तोह क्या कहता है शम्मा की
रात भर जलने जलाने उसकी फितरत है तो है।
पास थे अब दूर होंगे जैसे ज़मीन और आसमान
दूरियों के बाद भी दोनों में कुर्बत है तो है।
तू नहीं मेरा मगर तुझसे मोहब्बत है तो है।