तू कभी ना हारी
तू कभी ना हारी
धन्य-धन्य उत्तराखंड की नारी,
तू कभी ना हारी, तू कभी न हारी।
माना समाज पुरुष प्रधान है,
पर तू पुरुष से भी महान है।।
तू जननी, तू अन्नपूर्णा, तू घर की शान है
तूने ही महकायी घर-घर की फुलवारी।
तू कभी ना हारी, तू ...
तूने बंजर खेत उपजाए,
पशुपालन यहाँ तूने ही पनपाये।
राज्य के हर आंदोलन में तूने दी हिस्सेदारी,
चिपको, मैती या आंदोलन हो आजादी
तू कभी ना हारी....
वर्षों से तू गई गैरों व अपनों से लुटती,
काल हो चाहे देशज, गोरखा या अंग्रेजी।
लड़ी बनकर जियारानी, कर्णावती व तीलू रौतेली,
आज भी तू पीड़ित है,वार तूने सबकी झेली।
तू कभी ना हारी.....
राज्य के विकास में आज दे भागीदारी।
निभानी है तुझे अब एक बड़ी जिम्मेदारी।।
शिक्षा रूपी दीप जले हर-घर में,
कर दे तू अभियान जारी, तू कभी ना हारी।।
धन्य धन्य उत्तराखंड की नारी....
