तू जो मिला
तू जो मिला
पा के तेरा साथ
के में खोई सी रहती हूं
अपने ही खयालों डुबी सी रहती हूं।
हर पल अब हसीन हुआ
जब से सनम तू मिला है
पाकर तुझे के खुश बहुत हूं
के मेरे सपनों का राजकुमार जो मिला है।
भोली सी सूरत तेरी
बातें मन को लुभाए
देख तुझे अब चैनों करार भी खो जाए।
गहरी झील, समंदर सी आंखें तेरी
डुबने का जी चाहता है
कि किनारे कौन फिर आना चाहता हैं।
मिले हो बहुत मन्नतों से ,
आए हो अब कि जाने न दूंगी तुझे
के तुझ में ही अब मेरा अक्स दिखता है।
ना तेरे बिना अब वजूद कोई
ना तेरे बिना कोई पहचान मेरी
तुझसे ही अब नाता जोड़ा हैं
बस संग तेरे ही अब रहना है।

