तू जो मिला नहीं
तू जो मिला नहीं
कोई भी हमें मिला अपना सहारा जब नहीं,
सिवा एक तेरे सुनो हम दम हमारा भी नहीं।
हमसे अभी प्यार होगा तो कभी दुबारा नहीं,
विश्वास के बगैर कोई भी तो मुझे गवारा नहीं।
कहूँ कैसे न कोई आप सा आया कभी,
चले तुम संग जो मेरे पुकारा भी नहीं।
किया है प्रेम बढ़-चढ़कर नहीं कोई वफ़ा,
मिली जो शोहरत तुमसे गवारा भी नहीं।
नहीं काबिज हुआ दिल में सिवा तेरे मिरे,
नज़र मेरी दिखा तुम सा दुलारा भी नहीं।
नशीले नैन दिल पे वार करते रहे हर वक्त,
झुकी नजरें दिखाये जो नज़ारा भी नहीं।
न ऐसा मज़मा कहीं देखा घुमा सारा जहां,
नदी सा साथ प्यारा है किनारा भी नहीं।