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Dhirendra Panchal

Inspirational

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Dhirendra Panchal

Inspirational

तू बाज़ की उड़ान है

तू बाज़ की उड़ान है

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रुके नहीं कदम तेरे , 

विपत्तियों का राज़ है ।

तू खून से तिलक लगा , 

ये शत्रु की आवाज है ।

तू तिलमिलाए दुश्मनों की , 

कोशिशें नाकाम कर ।

ना कर हे पार्थ शाम अब , 

तू युद्ध त्राहिमाम कर ।

शौर्य ना ढले तेरा , 

तू सूर्य के समान है ।

तू सिंह की है गर्जना , 

तू बाज़ की उड़ान है ।



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