तुषारापात
तुषारापात
जग में स्थाई कुछ भी नहीं है
यह बात तू मन में बिठा ले।
आज बहुत कुछ है तेरे पास में
तो करके भला तू पुण्य कमा ले।
समय बीतता जावे है मनवा।
भागे है बचपन और जवानी।
आगे देख खड़ा है बुढ़ापा
जल्दी ही कर ले जो तूने मन में ठानी।
फिर खुद को ही संभालना भारी होगा।
सपनों से ज्यादा खुद पर ही ध्यान देना होगा।
आज तूने जो किया होगा
वही तो तुझे तब वापस मिलेगा।
अच्छे कर्म कर ले तू बंदे।
सबके मन में जगह बना ले।
सब का पथ प्रशस्त तू कर ले।
तेरे लिए भी हर रास्ता खुला ही होगा।
सिर्फ अपने ही बारे में सोचा तो।
माया मोह लोभ में फंसा तो।
घृणा अभिमान को अपनाया तो।
सपनों पर तुषारापात तेरे ही होगा।
कोई न तेरे काम आएगा।
कोई ना तेरे पास आएगा।
अपनी जरूरतों की खातिर जिसके भी पास तू जाएगा,
तू ही जब किसी के काम ना आया तो कोई भला तेरे काम क्यों कर आएगा?
आज ही पुण्य कर ले रे मनवा।
आज ही सबका हो जा रे मनवा।
सबके जीवन में सुख पहुंचा कर
हमेशा के लिए सुखी तू भी हो जा रे मनवा।