अधूरे काम
अधूरे काम
रह गए कुछ काम अधूरे
समय कम है करने है पूरे।
सब रिश्तो को जोड़ने को सोचा था।
नाराजगी सबकी दूर करने को सोचा था।
दिन दिन अलगाव बढ़ता ही जाता था।
कोई किसी के घर ना आता जाता था।
सबको एक सूत्र में पिरोने की इच्छा लेकर थी मैं आई।
इस अनहोनी को पूरा करने की आशा थी मैं मन में लाई।
वे सब भी रिश्तों को जोड़ना चाहते थे।
बढ़ रही थी उम्र सबकी,
सब बुरे पलों को भूलना चाहते थे।
मन में सबके अहंकार ने था डेरा जमाया।
इसलिए पहल कोई कर ना पाया।
कामयाब मुझे अपनी कोशिश को करना है।
इस अधूरे काम को पूरा करना है।
दुर्भाव हटाकर सबके मन से
प्रेम से सबको परिपूर्ण करना है।
इस बिखरे घर को एक सूत्र में पिरोना है।
परमात्मा मेरा सहायक होगा।
तभी तो मेरा यह अधूरा काम पूरा होगा।