हारा वही जो लड़ा नहीं
हारा वही जो लड़ा नहीं
हारा वही जो लड़ा नहीं, मुश्किलों से डर के आगे बड़ा नहीं
हारा वही जो लड़ा नहीं।।
तिमिर रात्र में जिसने, उगते सूरज का इंतजार किया नहीं
हारा वही जो लड़ा नहीं।।
भीषण अंधेरा, अकेली राह में, जो निडर हो कर चला नहीं
हारा वही जो लड़ा नहीं।।
तो उठो, चलो दौड़ो मंजिल जब तक ना आए, जब जान घबराए मन भयभीत हो जाए, खुद से कहो
मैं लड़ता हूं, हारता नहीं, क्योंकि, "हारा वही जो लड़ा नहीं"।।
