तुमसे मैं अलग हूँ
तुमसे मैं अलग हूँ
ये शब्द इतना महान है की
इसमें बंटा हुआ जहान है
गरीब अमीर में
किसान मजदूर में
मालिक नौकर में
पति पत्नी में
भिखारी पब्लिक में
अनपढ़ साक्षर में
बाबु साहब में
कर्मचारी जनता में
दूरियां एक बिहान है
की इसमें में बंटा हुआ जहान है
ये शब्द इतना महान है
बाप बेटे में
बेटा और बेटी में
छोटे और बड़े में
ऊंच और नीच में
लेनदार और देनदार में
लेने और देने में
सास और बहू में
एक भेद दिव्यमान है
ये शब्द इतना महान है
ये शब्द इतना महान है
यह व्यवहार दिखता है
देश देश में
जात जात में
समाज समाज में
कर्मचारी कर्मचारी में
धर्म धर्म में
पेशा पेशा में
गरीब गरीब में
अमीर अमीर में
शासक शासक में
प्रजा प्रजा में
किसान किसान में
समता और भेद
समझना न आसान है
ये शब्द इतना महान है
ये जोड़ता भी है,तोड़ता भी है
कहीं सर झुकता है तो
कहींं सर फोड़ता भी है
कोई अपने पर नाज भी करता है
कोई किसी पर राज भी करता है
ये है जो किसी का मान भी करता है
यदि ठन जाये तो संग्राम भी करती है
इससे दुनिया में तामझाम है
ये शब्द इतना महान है
सच में तुम मुझसे अलग हो
मैं तुमसे अलग हूँ।