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PRAHLAD pk verma

Romance

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PRAHLAD pk verma

Romance

तुमने हाथ दोस्ती का बढ़ाया ही.

तुमने हाथ दोस्ती का बढ़ाया ही.

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आज तक मैंने चाय के कप में

चाय का एक घूंट तक नहीं छोड़ा 

तेरा साथ कैसे छोड़ देता... 

तुमने हाथ दोस्ती का बढ़ाया ही नहीं

मैं तेरे लिए सब कुछ छोड़ देता...

तुम एक दफा आवाज दे कर तो देखते मुझे 

मैं तेरे लिए दुख से भी रिश्ता जोड़ लेता...



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