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Amrita Rai

Classics

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Amrita Rai

Classics

तुम्हारे शब्द

तुम्हारे शब्द

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जब जब तुम्हारे शब्दों को पढ़ते हैं

उसकी गहराई में डूब जाते हैं


एक एक शब्द जैसे मोतियों की माला

मन खुश हो जाता है


गम सारे हम भूल जाते हैं

लब बरबस मुस्कुराते हैं


तुम्हारे दिल की तरह तुम्हारी बातें भी

अनोखे लाजवाब कमाल के होते है


तुम्हारे एक एक शब्द आशीष वचन होते हैं

तुम्हारे लिए क्या कहे शब्द कम पड़ जाते हैं।


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