तुम्हारे लिए सुशांत सिंह राजपूत
तुम्हारे लिए सुशांत सिंह राजपूत
बीत गया बरस तेरे गैर मजूदगी में,
मगर तेरे यादों ने हमें भुलाने ना दिया..
तू वो चमकता सितारा था लोगों के दिल में,
और तेरे सक्षियत ने तुझे अहम किस्सा बना दिया..
इंतकाल तेरा रहस्य से भरा,
जो झूठ के कफन से दफन होगया..
शायद लड़ा था तू किसी सच को बेनकाब करने में,
आज वो सच भी कहीं पीछे छूट गया..
फरयाद बस इतनी सी है खुदा से,
एक नई जिंदगी की इनायत हो जाए..
वो ही मुस्कुराहट हो और आसमान से भी ऊंची हो तेरा उड़ान,
इत्तेफाक ही सही काश कभी एक मुलाकात हो जाए...
