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AVINASH KUMAR

Abstract

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AVINASH KUMAR

Abstract

तुम तो ऐसे ना थे कृष्ण,

तुम तो ऐसे ना थे कृष्ण,

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तुम तो ऐसे ना थे कृष्ण,

भव्य मंदिरोँ की शोभा से परे,

हमारे ह्रदय मे थे रचे बसे,

क्योँकर तुम ईश्वर से ईशान हुए,

गत से हमारी अवगत होकर भी,

दर्शन तुम्हारे गुमनाम हुए !


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