तुम मेरे जीवन के पलाश
तुम मेरे जीवन के पलाश
तुम मेरे जीवन के पलाश,
इस अभिलाषा, विश्वास लिए,
पल पल हृदय की तुम तलाश।
नंदन वन कुसुम, कुमुद चंचल,
मन की धारा यूँ सरल सलिल,
संताप मिटाते, मनस ताप,
तुम मेरे जीवन के पलाश।
सरिता की धारा, अरुण किरण,
सावन से घिरते मेघ सघन,
धरती पर आँचल सी छाया,
हर लोगे पीड़ा भरी त्रास,
तुम मेरे जीवन के पलाश।