तुम खास हो अपने लिए
तुम खास हो अपने लिए


खुद से प्रेम करो,
खुद में ईमान भरो,
तुम खुद खास हो खुद के लिए,
फर्क नहीं पड़ता,
लोग क्या सोचेंगे,
फर्क नहीं पड़ता,
लोग क्या बोलेंगे,
लाख बुराई भी हो गर तुम्हारी,
हर भरी महफ़िल में,
ना साथ दे कोई तुम्हारा,
इस मतलबी,मगरुर भीड़ में,
तुम बस लक्ष्य पर खुद की नज़र रखना,
हौसले बुलंद अपनी तकदीर का,
तुम पथ पर निडर बढ़ते रहना,
ये राह खुशियों से भरी है
तुम्हारे लिए,
तुम दो कदम खुद से चल के देखना,
कामयाबी खुद द्वार खोलेगी
तुम्हारे लिए
बस मन से दृढ़ अटल रहना,
जब खुद को जान लोगे,
भीड़ में भी
खुद के वजूद को पहचान लोगे,
तो खुशी से झूम उठोगे,
एक नया जहां खुद के लिए
इन कठिन राहों में चलकर,
अपने संघर्ष से
जब तुम पाओगे,
तब तुम खुद के लिए
खास हो जाओगे।