तुम गीत वही लिखना
तुम गीत वही लिखना
जिसे सुन, हर युवा, मर मिटने को तैयार हो
जिसे सुन, हर दिल को, देश से प्यार हो
तुम गीत वही लिखना।
जिसे सुन, हर दुश्मन, मिनटों में फ़रार हो
जिसे सुन, हर बागी, पल में वफ़ादार हो
तुम गीत वही लिखना।
जिसे सुन, हर बच्चा, सच में होशियार हो
जिसे सुन, हर घर, में छायी बहार हो
तुम गीत वही लिखना।
जिसे सुन, हर उम्मीद, पंखों पर सवार हो
जिसे सुन, हर नैया, की मजबूत पतवार हो
तुम गीत वही लिखना।
जिसे सुन, हर झूठ, बिलकुल ही बेकार हो
जिसे सुन, हर सच, जीतने का द्वार हो
तुम गीत वही लिखना।
