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Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Children Stories Comedy

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Aprajita 'Ajitesh' Jaggi

Children Stories Comedy

भूत-भूत

भूत-भूत

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वो सामने आया,

दिल मेरा घबराया, 

भूत -भूत कह कर, 

मैं जोर से चिल्लाया। 


मेरी चिल्लाहट से, 

भूत फिर घबराया, 

उसे यूँ डरा देख,

मुझे मजा आया। 


भूत हँसने लगा, 

तो मेरा सर चकराया,

वो चाहता क्या था 

मैं समझ नहीं पाया। 


उसने इशारे से,

मुझे पास बुलाया,

कान में धीरे से,

एक राज फुसफुसाया। 


मैं बस दो दिन का मेहमान हूँ,

उसने मुझे बतलाया,

फिर मेरी उड़ती रंगत पर,

वो खिलखिलाया। 


मौत आने वाली है,

ये ख्याल मुझे न भाया,

सुनते ही ये बात 

दिल का दौरा आया। 


ठीक दो दिन बाद,

यमदूत फिर आया,

 मैंने अपने आप को,

 भूत बना पाया। 


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