तुम आना या हमें बुलाना...
तुम आना या हमें बुलाना...
लोगों ने कहा
लिखना छोड़ दी हो या बदल सी गई हो
तो कुछ लिखकर ही
नियोता भेजते है
अच्छा सुनो
अगर कभी वक्त मिले तुम्हें
अपने तीस में
कही नदी के किनारे या
कई पुराने चाय टपरी में
खत लेकर तुम आना
या फिर मुझे बुलाना
तब जिंदगी के कुछ हिस्सा तुम सुनाना
या फिर कुछ हिस्से सुनने तुम आना
पर वादा ये करना की
बुलावा चाहे जिसका हो
तुम आना
कुछ शिकायतें तुम कर लेना
या कुछ गुफ्तगू हम कर लेंगे
बस एक चाय के नाम है सही
उभरता साम को
संग देखने तुम आना
महफिल तुम
सजाना
या अल्फाजों की दुकान तुम खोल लेना
पर जख्म नह सही
कुछ चांद पल
को याद करने तुम आना
या हमे बुलाना
संग चांद के चांदनी देखने तुम आना
कुछ हिस्सों की माफी तुम ले जाना
कुछ हिस्सों की माफी हमरी भाग में जोड़ देना
अच्छा सुनो,
सरसो को साथ लेके
गिन ने के लिए तुम आना
अक्सर बरसात में आंख या मन
भर जाता है कभी तुमने ये बोला
या हमसे तुमने ये सुना
चलो भीगे बरसात में
उन पुराने यादों में से
कुछ सुख की घड़ियां में
जीने तुम आना
या मुझे बुलाना.....