मां
मां
मैंने दुनिया देखा माँ पर तुझ सा कोई दूसरा ना देखा..
मैंने दुनिया को समझने की कोशिश की माँ,
पर तुझसा समझदार किसी को ना देखा.
मैंने दुनिया से अपनी खुशियां जाया की माँ,
पर तुझ जैसी मेरी खुशियां संवारने वाले किसी को ना देखा.
मैंने दुनिया से अपनी दर्द बांट ने की कोशिश की माँ,
पर बिन कहे मेरे दर्द मे उदास होने वाली तुझ जैसा किसी को ना देखा.
मैंने दूसरों को मेरे पे हंसते और मेरे पाँव खींच के मुझे नीचे गिराता हुआ देखा माँ,
पर तुझ जैसा रोशनी बनके हमेशा मेरा राह उजाला करनेवाले किसी को ना देखा.
ऐसा नहीं कि माँ मैंने दुनिया में सिर्फ बुरा ही देखा..
दोस्ती, मोहब्बत में मेने परिवार जैसा प्यार और अपनापन देखा,
बस बात यूहीं की माँ..
सबको देखा.. पर तुझ जैसा कोई दूसरा ना देखा..
तू है ही इतनी अनमोल मेरी माँ..
इस भीड़ सी दुनिया मे तेरी नकल क्या तेरी हमशक्ल भी मेने नहीं देखा..
जब भी आंखे खोले और मेरा दिन सुरु हो..
तू चाहे कितनी दूर क्यूँ ना हो..
मेंने बस तेरी मुस्कुराती चेहरा देखा माँ..
