टूटे दिल का पैगाम
टूटे दिल का पैगाम
ना वह पल रहा ना उसकी परछाई,
बस यादें ही है जो हर पल साथ रही ।
सुकून मिला दूर रहके उनसे,
पर दिल ना मान पाई यह सच्चाई ।
छोड आये उन सब को एक बंद डिब्बे में,
कभी ना देख पाएंगे उन्हें अब से ।
ना वह याद दिला पाएंगे बीते हुए पलों को,
पर पता नहीं दिल क्यों गम में है ।
खुश तो होना लाजमी है,
पर होना पा रहे, यह हमारी बेचैनी है।
