STORYMIRROR

THEKU SAHU

Tragedy Inspirational Others

4  

THEKU SAHU

Tragedy Inspirational Others

ओ कल

ओ कल

1 min
159

जान तो सब कुछ हो,

अब मान भी लो ये सच्चाई।


क्यों इतने गिले-शिकवे,

क्यों ये रुसवाई। 


ना बदल पाते,

ना बदल पाओगे उस कल को। 


तो आंसू क्यों,

क्यों ये दिल-लगी।


उस कल की परछाई में क्यों जीना,

क्यों उस कल को जानलेवा बनाना।


हर चीज ना हो पाती हमारी इशारों से। 

कठपुतली है हम किसी और के हाथों के। 


अब ना ज्यादा सोचो आप,

बस शांत हो जाओ,

क्योंकि इसी में है सवकी भलाई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy